Volume2 Issue5

Emotional Maturity of School Students of Siliguri in Relation with Personal Variables

Author: Dr. Savita Mishra DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500011 Abstract: As a person grows emotionally mature, they work to improve their emotional well-being on all levels, from the inside out. Heterosexuality, empathy, a propensity to mimic the actions and attitudes of others, and the ability to control one’s own emotional reactions are all hallmarks of a fully …

Emotional Maturity of School Students of Siliguri in Relation with Personal Variables Read More »

Breaking Barriers: The Empowering Effects of Mobile E-Learning for Women in the Digital Age

Author: Barnali Dey & Dr. Ramesh kumar  DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500012 Abstract: Through the removal of conventional educational hurdles, mobile e-learning has become a transformational instrument for women’s empowerment in the digital era. This research explores how mobile e-learning empowers women, emphasizing how flexible, accessible, and capable it is of overcoming socioeconomic barriers. The study investigates …

Breaking Barriers: The Empowering Effects of Mobile E-Learning for Women in the Digital Age Read More »

Regionalism: The History of Regional Party

Author: Ajija Sultana DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500013 Abstract: India has a multi-party system with predominance of small regional parties. Political parties that wish to contest local, state or national elections are required to be registered by the Election Commission of India (EC). In order to gain recognition in a state, the party must have had political …

Regionalism: The History of Regional Party Read More »

Education as a Human Right for Indian Women and Its Effect on Human Capital

Author: Awaneesh Baibhav DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500014 Abstract: In India, education provides a vital opportunity for social and economic development. By contributing to the economy of the country and the society, an educated Indian woman will have a positive impact on Indian society. Women who are educated reduce the likelihood that their children will die before …

Education as a Human Right for Indian Women and Its Effect on Human Capital Read More »

नवर सिंग के कार्यों में हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक विश्लेषण

Author: Sweta Kumari DOI Link ::    https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500015 Abstract:नामवरसिंहनेअपनाआलोचकीयजीवन ‘हिंदीकेविकासमेंअपभ्रंशकायोगदान’ सेआरंभकियाथा।इसमेंअपभ्रंशसाहित्यपरविचारकरतेहुएबीच-बीचमेंनामवरजीनेटिप्पणियाँदीहैं, वेविचारपूर्णएवंसुचिंतितहैं।वेसूक्ष्मदर्शिताऔरसहृदयताकेसाथमार्क्सवादीआलोचनापद्धतिकारूपप्रस्तुतकरतीहैं।नामवरसिंहनेहिन्दीआलोचनामेंजबसे (57-58 वर्षपहले) कदमरखाहैतभीसेवेइसकेकेन्द्रीयकिरदाररहेहैं।इसदौरानसाहित्यकारोंकीपीढीबदलगई।हिन्दी- साहित्यमेंकईआन्दोलनआएऔरगए।आलोचकवरचनाकारआएऔरगए. लेकिनइसमायनेमेंनामवरसिंहएकअपवादहीहैंकिइतनेलम्बेसमयबादभीनतोआए-गयोंकीसूचीमेंशामिलहुएऔरनहीपुरानेपड़े।एकतोहिन्दी- लोचनाकीयहविडम्बनाहीरहीहैकिआमतौरपरइसकेमहत्त्वपूर्णआलोचकभीविशेषसमयकेबादकेसाहित्यकेभावबोधकोसही-सहीनहींपहचानपाएऔरनयेलेखनकोपुरानेविचारोंवसाहित्यिकमानदण्डोंकेआधारपरपीटतेरहेऔरखारिजकरतेरहे।दूसरीगौरकरनेकीबातहैकिहिन्दीकेसमर्थआलोचकमूलतःकविथे, कविताकेक्षेत्रसेवेआलोचना-कर्ममेंप्रवृत्तहुएइसलिएउनकीआलोचना-दृष्टिवआलोचना-कर्मपरकविताहीछाईरही।आलोचनामेंकवितासेइतरगद्यकीविधाओंकीउसतरहविवेचनानहींहुईजिसकीवेअधिकारीथी।किसीप्रसंगवश, मजबूरीवश, जरूरतवशयालिहाजवशयदिकिसीगद्यविधाकाजिक्रहुआभीतोकेवलउपन्यासकाही।जबकहानीजैसीमहत्त्वपूर्णविधाभीउपेक्षितरहीतोआत्मकथा, जीवनीआदिकातोजिक्रहीक्याकरना।यद्यपिनामवरसिंहभीकवितासेशुरूकरकेआलोचना-कर्ममेंदाखिलहुए, लेकिनवेसिर्फकविताकीआलोचनातकहीनहींरूकेऔरकहानीआलोचनाकोभीनयाफलकप्रदानकिया। Keywords: नामवरसिंहने,आलोचकमूलतःकविथे, कविताकेक्षेत्रसेवेआलोचना,कर्ममेंदाखिलहुए. Page No : 115-124

বাংলা সাহিত্যে নাটকের আঙ্গিক : রবীন্দ্র নাট্য ধারা

Author: Tinku  Kumar Ghorai DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500016 ভূমিকা: রবীন্দ্র নাটক তার উম্মেষ লগ্নে প্রচলিত নাট্য আঙ্গিককেই অনুসরণ করেছে। বিলিতি অপেরা এবং শেক্সপীয়রের নাট্য-আঙ্গিকের ছাপ সেখানে স্পষ্ট। ভগ্নহৃদয়’ ১২৮৮ বঙ্গাব্দে প্রকাশিত হয়। এটি নাটক নয়। ‘ভগ্নহৃদয়’-এর ‘ভূমিকা’তেই জানানো হয়েছিল যে, ‘কাৰ্যাটিকে কাহারো যেন নাটক বলিয়া অম না হয়। কারণ ‘দৃশ্যকাব্য’-এর কাঙ্ক্ষিত শিকড়, কাণ্ড, শাখা, পত্র, …

বাংলা সাহিত্যে নাটকের আঙ্গিক : রবীন্দ্র নাট্য ধারা Read More »

বাংলা সাহিত্যে নদিয়া ও মুর্শিদাবাদ জেলার লোককথা ও লোকসংস্কৃতির পরিচয়, বৈশিষ্ট্য

Author: Tahidul Islam Mandal DOI Link :  https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500017 ভূমিকা:-: লোকসাহিত্য লোকসংস্কৃতির একটি জীবন্ত ধারা;এর মধ্য দিয়ে জাতির আত্মার স্পন্দন শোনা যায়। একটি নির্দিষ্ট ভৌগোলিক পরিমন্ডলে একটি সংহত সমাজমানস থেকে এর উদ্ভব।সাধারণত অক্ষরজ্ঞানহীন পল্লিবাসীরা স্মৃতি ও শ্রুতির ওপর নির্ভর করে এর লালন করে।মূলে ব্যক্তিবিশেষের রচনা হলেও সমষ্টির চর্চায় তা পুষ্টি ও পরিপক্কতা লাভ করে।এজন্য লোকসাহিত্য সমষ্টির …

বাংলা সাহিত্যে নদিয়া ও মুর্শিদাবাদ জেলার লোককথা ও লোকসংস্কৃতির পরিচয়, বৈশিষ্ট্য Read More »

জীবনানন্দের কবিতায় ইন্দ্রিয় সচেতনতা ও অতীন্দ্রিয় অনুভব

Author: মৌটুসী সাহা DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500018 Abstract : দ্বন্দ্বময় বিচিত্র সংকট বিজড়িত অচরিতার্থ জীবনবাসনায় মর্মবিদ্ধ কবি জীবনানন্দ দাশের (১৮৯৯-১৯৫৮) কাব্যপরিসরও এক দুর্ভেদ্য রহস্য ঘেরা। তিনি চিত্রিত করেছেন আধুনিক মানুষের ক্ষতবিক্ষত জীবচেতনাকে, যা ক্রমবিচ্ছিন্নতার সূত্রে প্রত্যক্ষ-বিশ্ব হারিয়ে, পেয়েছে এক সংশয়ী নির্জনতা। যেখানে বস্ত্রমানবের আত্মা কেবল ধূসরতায়, ক্ষয়-ক্লেদ-পতনে ও বিবমিষায় আচ্ছন্ন।ইন্দ্রিয়বোধের গভীরতার নিমজ্জিত হয়ে অতীন্দ্রিয় সৌন্দর্যের …

জীবনানন্দের কবিতায় ইন্দ্রিয় সচেতনতা ও অতীন্দ্রিয় অনুভব Read More »

भारत में यूरोपियन कंपनियों की व्यापार और वाणिज्य गतिविधियां का अध्ययन

Author: अनिल कुमार यादव DOI Link : https://doi.org/10.70798/Bijmrd/020500019 Abstract : यूरोपियन कंपनियों ने भारत में व्यापार के साथ-साथ स्थानीय आर्थिक और सामाजिक परिवर्तनों को भी प्रेरित किया। इन कंपनियों के आगमन के साथ ही भारत में यूरोपीय साम्राज्यों का आदिकाल शुरू हुआ और यह बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के रूप में विकसित हुआ। 1833 में …

भारत में यूरोपियन कंपनियों की व्यापार और वाणिज्य गतिविधियां का अध्ययन Read More »