मध्यकालीन भारत में संगीत नवाचार: एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

Author: सुजाता मजूमदार & डॉ. रूपा सिन्हा

DOI Link: https://doi.org/10.70798/Bijmrd/03090032

Abstract (सार): संगीत का इतिहास संस्कृति का एक हिस्सा है। यह शोध मध्यकालीन भारत में संगीत के इतिहास का पता लगाता है। मध्यकालीन भारत मुस्लिम शासकों और मुगल शासकों पर आधारित है। यह भारतीय संगीत की उत्पत्ति का वर्णन करता है। अर्थात् प्रागैतिहासिक, उत्तर-इतिहास और वैदिक। यह शोध उस राजा का पता लगाता है जिसकी संगीत में रुचि थी। शोधकर्ता मुस्लिम और मुगल काल के कई विद्वानों पर भी चर्चा करता है। संगीत के वाद्ययंत्र इस अध्ययन का एक हिस्सा होने चाहिए। मध्यकालीन भारत की संगीत यात्रा विभिन्न प्रकार के संगीत पर भी चर्चा करती है। मध्यकालीन भारत के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक वक्ती और सूफी संगीत है। महान वक्ती संत और सूफी संत संगीत में शामिल थे। उन्होंने संगीत की नई शैलियों का परिचय दिया।  वाक्तिवाद के विद्वान जैसेचैतन्य, मीराबाई, रामानंद, कबीर आदि। सूफी विद्वान जैसे निजामुद्दीन औलिया, मैनुद्दीन चिश्ती, वक्तारकाकी आदि। राजा भी सूफी या वाक्तिवाद से प्रभावित थे। यह पता चला है कि संगीत केवल शाहीदरबार का ही था। विद्वानों को किसी विशेष राजवंश के राजा का संरक्षण प्राप्त था।

Keywords(मुख्य शब्द): संगीत यात्रा, मध्यकालीन भारत, मध्यकालीन संगीत।

Page No: 259-263